सिगरेट
सिगरेट के मुँह को दियासलाई की छोटी-सी ज्वाला से जला दिया। प्रश्न उठता है–निर्धनता के जाल में तड़पने वाले प्राणी को सिगरेट पीने का क्या अधिकार?
सिगरेट के मुँह को दियासलाई की छोटी-सी ज्वाला से जला दिया। प्रश्न उठता है–निर्धनता के जाल में तड़पने वाले प्राणी को सिगरेट पीने का क्या अधिकार?
दुनिया भौगोलिक दृष्टि से छोटी हो गई है : उसका ओर-छोर कुछ घंटों में आदमी नाप सकता है। नहीं चाहने पर भी उसके हिस्से प्राण-तंतुओं से अनुस्यूत हो गए हैं : लंदन और न्यूयार्क में राजनीति करवट बदलती है तो दिल्ली में लोग आँखें मलने लगते हैं;
गाँधी-हत्या-कांड के बाद जब समाजवादी नेता श्री जयप्रकाश नारायण ने देश को आध्यात्मिक नेतृत्व देने के लिए महर्षि रमण का नामोल्लेख किया, तो संभवत: ही इस मनीषी की ओर लोगों की जिज्ञासा जगी! प्रस्तुत लेख उस जिज्ञासा की तृप्ति कर सकेगा, ऐसी आशा है।