मलखान सिंह सिसौदिया–कविता में मृत्युंजय संकल्प
श्री सिसौदिया की संपूर्ण काव्य-यात्रा संशय रहित मृत्युंजय संकल्प से आविष्ट है और उसकी जड़ें जन सामान्य के जन-संघर्ष और देश की सांस्कृतिक-सामाजिक मनोभूमि में गहरे धँसी हुई हैं। सन् 2010 ई. में दिवंगत हुए मलखान सिंह जी की कुछ कविताएँ अभी संग्रहबद्ध नहीं हो पाई हैं। अच्छा हो कि उनके परिवारजन और आत्मीय लोग उनकी रचनावली के प्रकाशन का संकल्प लें और उनकी अप्रकाशित-असंग्रहबद्ध रचनाओं को भी उनमें सहेजा जाए।