लाजू आया, लाजू आया
मेरी कल्पना प्राचीन इतिहास के उस युग में खो गई, जब सर्वप्रथम पूर्व की ओर से, ईसवी सन् के आरंभ में, सिथियन लोगों ने भारत में प्रवेश किया था।
मेरी कल्पना प्राचीन इतिहास के उस युग में खो गई, जब सर्वप्रथम पूर्व की ओर से, ईसवी सन् के आरंभ में, सिथियन लोगों ने भारत में प्रवेश किया था।
मैथिली हमरो त श्याम एहन सुंदर छथि जिनका लखि सत काम लजावइ।
घिर घिर आयेल मेहरा बरसले बरसात कइसे कटाईब सजनी, एकसरुआ के रात।
घास बाँस के बने घरौंदा, लगी थोंभरिया थुनियाँ, तिनमाँ छिपैं अन्न के दाता, यहै गाँव की दुनियाँ।
गछिया कान्हा झूलै हे। थिरकै सावन वन में, नभ में, मन में राधा तूलै हे।
बूढ़ा बाप बेटे से कुदाल माँग रहा है खेत का कोना कोड़ने के लिए। क्योंकि वहाँ हल नहीं पहुँच पाता।कोना ना लागल बा हरवा होतनी दीहऽ कुदार।