नई धारा संवाद : प्रसिद्ध कथाकार गीतांजलि श्री
हिंदी की चर्चित लेखिका गीतांजलि श्री के पाँच उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें पहला उपन्यास था ‘माई’, ‘तिरोहित’,
हिंदी की चर्चित लेखिका गीतांजलि श्री के पाँच उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें पहला उपन्यास था ‘माई’, ‘तिरोहित’,
यहाँ हम अपने समय के प्रसिद्ध लेखक अशोक वाजपेयी से संवाद करेंगे, जो कवि तो हैं ही, कलाविद हैं, प्रशासक हैं, बहुत अच्छा सोचते हैं, और जो एक पूरा कलाओं का संसार है उस पर उनकी गहरी नजर रहती है
इस कड़ी में हमारे साथ हैं हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार, बल्कि मैं कहूँ कि अभी के वरिष्ठतम साहित्यकार रामदरश मिश्र जी। रामदरश मिश्र जी का जन्म 15 अगस्त 1924 को गोरखपुर के डुमरी गाँव में हुआ।
कथा साहित्य और समकालीन व्यंग्य में एक जाना-माना नाम है डॉ. सूर्यबाला का। अपने छह उपन्यास, पंद्रह कथा-संग्रह और चार व्यंग्य-संग्रह में सूर्यबाला जी ने अलग-अलग रूप से मध्यवर्ग के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पक्षों को दर्शाया है। अपनी रचनाओं और उनकी विविधताओं के लिए वह जानी गईं। आज इसी पर हम उनसे चर्चा करेंगे और साथ ही सुनेंगे उन्हीं के द्वारा उनकी कुछ रचनाओं का पाठ।
अपनी साहित्य-साधना के लिए अनेक सम्मानों से विभूषित डॉ. जनमेजय से ‘नई धारा संवाद’ के तहत बीते दिनों मनमीत नारंग ने ऑनलाईन बातचीत की,