श्री राधाकृष्ण : एक इंटरव्यू
दो बजे दिन में पहुँच ही गया उनके भट्टाचार्य लेन स्थित निवास स्थान पर। आवाज दी। एक तेरह-चौदह साल का लड़का भीतर से निकला।
दो बजे दिन में पहुँच ही गया उनके भट्टाचार्य लेन स्थित निवास स्थान पर। आवाज दी। एक तेरह-चौदह साल का लड़का भीतर से निकला।
कमरे में दाईं ओर पुस्तकों से भरी एक आलमारी रखी हुई थी। दरवाजे के ठीक सामने एक दरी पर हिंदी की पच्चीसों पत्रिकाएँ और कुछ मराठी, अँग्रेजी तथा फ्रेंच पत्र-पत्रिकाओं के मई के अंक बिखरे पड़े थे।