संघर्ष की तस्वीर उकेरती कहानियाँ
इस संग्रह की कहानियों में एक नये संवेदनशील समाज को गढ़ने के बहुत से सूत्र समाहित हैं। यह संग्रह पठनीय होने के साथ-साथ ही संग्रहनीय भी बन पड़ा है।
इस संग्रह की कहानियों में एक नये संवेदनशील समाज को गढ़ने के बहुत से सूत्र समाहित हैं। यह संग्रह पठनीय होने के साथ-साथ ही संग्रहनीय भी बन पड़ा है।
कहीं वे एक वात्सल्य से भरे पिता की तरह दिखाई देते हैं तो कहीं एक जिम्मेवार पुत्र की तरह, कहीं एक सहज और सरल पति की तरह,
राष्ट्रीय गर्व के समानांतर यह राष्ट्रीय शर्म का विषय है–‘रुई लपेटी आग’ इसी दूसरे पक्ष पर केंद्रित उपन्यास है।
निरूपमा राय की ‘प्रतिरूप तुम्हारा’ कहानी संग्रह में ‘माँ’ के विभिन्न रूपों को दर्शाती, बहुत मार्मिक व भावना प्रधान कहानियाँ हैं।
हिंदी गजल के सिद्ध शायर ज्ञानप्रकाश विवेक एवं अनिरुद्ध सिन्हा इनकी गजलों की बुनावट, शिल्प एवं शैली के प्रति जितना संतोष व्यक्त करते हैं उतने ही आश्वस्त प्रसिद्ध शायर जहीर कुरैशी भी नजर आते हैं।
नई सदी की गजल अपना रूप रंग बदल रही है इसमें कोई संशय नहीं है। लेकिन गजल एक नाजुक विधा है। इस पर कोई भी बोध बोझ की तरह नहीं लादा जा सकता है। शे’र के पास दो पंक्तियों की सीमित जगह है लेकिन इन दो पंक्तियों तथा उसके शब्दों के बीच एक बड़ा स्पेस होता है,