यह जीवन भी एक यात्रा है
बरसों बरसों पहले की यात्राएँ कवि स्मृति में जीवंत हैं और यही उसकी कविता यात्रा की पाथेय है। वह पहाड़ों के साथ, नदियों के साथ, पेड़ों के साथ यात्राएँ करता रहा है और इस यायावरी में इस समय की पटकथा लिखता रहा है।
बरसों बरसों पहले की यात्राएँ कवि स्मृति में जीवंत हैं और यही उसकी कविता यात्रा की पाथेय है। वह पहाड़ों के साथ, नदियों के साथ, पेड़ों के साथ यात्राएँ करता रहा है और इस यायावरी में इस समय की पटकथा लिखता रहा है।
आलोच्य पुस्तक की शीर्षक का निहितार्थ ठीक से उजागर हो सके, इसे ध्यान में रखकर द्विज जी ने, संग्रह में ‘हजारों सदियों का सारांश कुछ कथाएँ हैं’ शीर्षक से आठ शेर की एक रचना भी, लगभग आरंभ में ही शामिल की है।
लघुकथा की लंबी यात्रा में समय-समय पर कुछ ऐसे लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है जिनसे न सिर्फ लगातार लघुकथाएँ लिख रहे हैं बल्कि लघुकथा समीक्षा के क्षेत्र में कुछ गंभीर और ठोस कार्य से इस विधा की गंभीरता को स्थापित करने में मदद मिली है।
युवा लेखिका वंदना जोशी का पहला कहानी संग्रह ‘नगर ढिंढोरा’ के नाम से प्रकाशित हुआ है, जिसमें विभिन्न भाव छवियों की ग्यारह कहानियाँ हैं।
गजल पहले भी बोलती थी और अब भी बोलती है। गजल पहले लुक-छिपकर किसी के खिलाफ कुछ बोलती थी, अब मुखर होकर कहती है।
विजय कुमार स्वर्णकार एक ऐसे गजलकार हैं जिन्होंने गजल के रूप रंग को बिगाड़े बिना अपने समय के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक विषयों को अपनी गजलों के साथ जोड़ा है।