सामाजिक विद्रूपताओं का कच्चा चिट्ठा
संग्रह की कहानियाँ प्रायः घटना-प्रधान हैं और रचनाकार कथानुरूप परिवेश निर्मिति में पारंगत है। किस्सागोई इनकी खासियत है। कुछ कहानियाँ ऐसी भी हैं जिनमें एक-दो पात्र नहीं, बल्कि पात्रों के समूह हैं और उस सामूहिकता में ही रचना अपने मकसद तक पहुँचने में कामयाब होती है।