प्रतिरोध के विश्वकवि लैंगस्टन ह्यूज

ह्यूज तत्काल के सवालों से टकराते हुए ही संभवनीयता का सुंदर लोक रचते हैं। ममता, समता, प्रेम, सम्मान, सद्भाव और शांति के अभिनव लोक की संकल्पना ही ह्यूज को विश्वकवि बनाती है। इसी माने में भी प्रतिरोध के विश्वकवि ठहरते हैं!

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मेरे हिस्से में अम्मा

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई, मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई!

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‘नई धारा’ की प्राण-धारा

अम्मा जी नहीं रहीं! अम्मा यानी श्रीमती शीला सिन्हा...‘नई धारा के संस्थापक संपादक एवं प्रसिद्ध साहित्यकार उदय राज सिंह की धर्मपत्नी! विगत 27 जुलाई, 2021 को 90 वर्ष की आयु में उनका लोकांतरण हो गया।

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प्रतिरोधी चेतना के साहित्यकार उदय राज सिंह

हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार उदय राज सिंह का संपूर्ण रचनाकर्म मध्यवर्गीय नागर समाज के बहुपरतीय जीवन-संघर्ष और भावनात्मक रिश्ते की संवेदना को उकेरता अपने समय का जीवंत दस्तावेज है।

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वंसत का राग-रंग

समय देखता रहेगा! लोगों की फाग-मस्ती परवान चढ़ती ही रहेगी! हाँ, महानगरों में इस मस्ती का एहसास थोड़े विलंब से होता है,

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उत्तर-दक्षिण के शब्दसेतु

डॉ. नायर सरलचित्त-रचनाधर्मी थे, वे अंतिम साँस तक ‘नई धारा’ के माध्यम से उत्तर और दक्षिण भारत के शब्दसेतु बने रहे!

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