एक नाव में अनेक नाविक
सर्जना बहुत अलग विषय है, वह छठवीं इन्द्री के जाग्रत होने पर अवतरित होती है। व्यवसाय से सर्जना का कोई संबंध नहीं है। सर्जक होना सौभाग्य होता है।
सर्जना बहुत अलग विषय है, वह छठवीं इन्द्री के जाग्रत होने पर अवतरित होती है। व्यवसाय से सर्जना का कोई संबंध नहीं है। सर्जक होना सौभाग्य होता है।
रॉबर्ट बर्न अन्याय, शोषण और विसंगतियों के विरुद्ध अपनी कविताओं को अभिव्यक्त करते हैं और जब तक ऐसी स्थितियाँ संस्मरण रहेंगी
सिताब दियारा से कटिहार के पूर्वी छोर तक गंगा की धारा बदलने से जहाँ-तहाँ कुछ जमीन छूट गई है, वैसे क्षेत्र को दियारा कहा जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में अर्जुन को प्रबोधते हुए कहा था कि ‘योग: कर्मसु कौशलम् अर्थात कर्म की कुशलता का नाम ही योग है। कर्म ही धर्म है। मैंने अपने चार दिनों के प्रवास में देखा कि वहाँ के प्रत्येक नागरिक ने कर्म की कुशलता को अपने जीवन में अपना लिया है।
यहाँ नीरज ने अपराध, प्यार सब संस्कृत निष्ठ शब्दावली का प्रयोग किया है और दूसरी ओर आदमी शब्द का उपयोग है, मनुष्य, का नहीं। कविता की संप्रेषणीयता का सबसे सहज स्वरूप आधुनिक हिंदी कविता में नीरज के यहाँ मिलता है।
जैसे सुनार पुराने आभूषण को गलाकर नया स्वर्ण आभूषण गढ़ता है और इस तरह नए और पुराने का भेद समाप्त हो जाता है।