रेणु की भाषा और सरोकार

रेणु के सरोकार बहुजन समाज के सरोकार हैं, उनकी भाषा बहुजन समाज की भाषा है जो हमें सकारात्मकता से भर देते हैं।

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ज्यों-ज्यों बू़ड़े ‘अशोक’ संग

अशोक चक्रधर के साथ वफादारी, दोस्ती का एक लंबा दौर है और शायद इसलिए ही वे मेरे लिए बेहतरीन किताब हैं।

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 मेरी कोरोना डायरी (एक)
Woman at writing desk by Lesser Ury

मेरी कोरोना डायरी (एक)

कोरोना महामारी ने विश्व को हिला डाला है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है। लोग दहशत में हैं और मास्क लगाना ‘न्यू नोर्मल’ बन गया है तो जरूरी इस बीमारी के बचाव के साथ साथ यह जानने की–कि कोरोना हो जाने के बाद इससे बिना अस्पताल में भर्ती हुए आप घर पर भी कैसे ठीक हो सकते हैं। इन दिनों दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का भयानक प्रकोप है।

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पेड़ से शाख का यूँ टूटकर गिरना

पता नहीं कौन-सा तार है, जो हम दोनों को जोड़कर, बाँधकर रखता है। वे मेरे भीतर हैं, हर पल मुझे यही महसूस होता है कि अभी यहीं कहीं से वे मंद-मंद मुस्कुराती हुई सामने खड़ी होगी। जीते जी मैं उनको कभी नहीं भूल पाऊँगी। उनकी आत्मीयता मेरी स्मृतियों में सदैव रहेगी।

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