लखनऊ का ऐतिहासिक रेखाचित्र

उन्नीसवीं शताब्दी यदि भारतीय इतिहास, राजनीति, संस्कृति, समाज, धर्म, शिक्षा और भाषा आदि के क्षेत्रों में आमूल-चूल परिवर्तनों की शताब्दी है,

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रूपी

वह इसके लिए पैदा नहीं हुई थी। कई बार इस दलदल से निकलने की उसने कोशिश भी की। मधुपुरी सवा सौ वर्ष पुरानी विलासनगरी है, उसके पहले वही लोग यहाँ के घने जंगलों में अपने पशुओं को चराते थे, जो अब भी उसकी सीमा के बाहर अपने छोटे-छोटे गाँवों में रहते हैं।

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बूढ़े लाला

लाभडाल को तो मैंने अपनी आँखों के सामने बसते देखा”–बूढ़े लाला ने सफेद भौंहों के पीछे गहराई में छिपी दोनों आँखों को मेरी ओर गड़ाते हुए कहा।

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दातादीन

तब मैं बी.ए. में पढ़ता था। प्रयाग विश्वविद्यालय का वह विशाल भवन और उसी के सामने के छात्रावास और उसकी बत्तीस नंबर की कोठरी, मुझे आज तक याद है। उसी में मैं रहा करता था।

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मूढ़ी वाली मौसी

शरीर से स्थूल, वय से चालीस के लगभग! रूप भद्रतापूर्ण। आँखें वेदनामयी। धोती साधारण–न मैली न उजली। हाथों में चाँदी की चूड़ियाँ।

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