कुछ पूजा के आयोजन-सा होने लगता

कुछ पूजा के आयोजन-सा होने लगता जब मेरे मन में प्यार देवता-सा चुप-चुप आने लगता मन मंदिर होने लगता ऐसा रूपक सजने लगता

और जानेकुछ पूजा के आयोजन-सा होने लगता

विश्व मेरे, स्वप्न मैं बुनता नया हूँ

विश्व मेरे, स्वप्न मैं बुनता नया हूँ, आँसुओं के अग्नि-कण चुनता नया हूँ

और जानेविश्व मेरे, स्वप्न मैं बुनता नया हूँ

विश्व मेरे, मैं तुम्हारा हो गया हूँ

विश्व मेरे, मैं तुम्हारा हो गया हूँ, मैं मिटा निज को तुम्हीं में खो गया हूँ

और जानेविश्व मेरे, मैं तुम्हारा हो गया हूँ