गिव अप करने के लिए

चहुँ ओर गिव अप की बहार छाई है। देखो, कोयल सरकार का अनुरोध मानकर अपनी कूक को पूरी तरह गिव अप कर कौए की भाषा में काँव-काँव कर रही है। बिल्लियाँ दूध को गिव अप कर चाय का सेवन कर रही हैं। मुर्गों ने बाँग देना गिव अप कर दिया है। कुत्तों ने भौंकना गिव अप कर दिया। सारा माहौल गिव अप मय हो गया है। यह दिन पहले कहाँ था, यह समय पहले कहाँ थे। देखो, सब ओर गिव अप ही गिव अप हैं चहुँ ओर गिव अप की बहार है।

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वाह रे जी

वह आलोचक है। बहुत बड़ा है। बड़ा वह इसलिए नहीं है कि वह आलोचक है। वह आलोचक बड़ा है। उसकी ऊँचाई बाँस से भी ज्यादा है, ताड़ से भी ज्यादा है। उस का फैलाव, उसका दबाव पहाड़ से भी ज्यादा है।

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भारत दुर्दशा का चित्रहार

‘मुझे कहते हैं सब रिश्वत लाल मैंने कर डाला सबको हलाल, कि तेरा-मेरा साथ रहेगा। बरसों से पहचाने मुझको जमाना घूस, दस्तूरी, सलामी, नजराना, घूस दिए बिना चले नहीं जाना सारी दुनिया को करता बेहाल, मैं करता हूँ हरदम कमाल

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 संपादक
Boxes-and-Jars-of-Sweetmeats-by-Juan-van-der-Hamen--WikiArt

संपादक

गालियों के शब्द जितनी आसानी से मुँह से बाहर आ जाते थे, शिष्ट शब्दों का सूझना उतना ही कठिन मालूम पड़ता था।

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वृद्ध बेनीपुरी जी!

हाँ, बेनीपुरी जी, जिनकी जवानी, स्फूर्ति और मस्ती अजर-अमर कही जाती थी–वे भी बूढ़े होने लगे हैं! वृद्धावस्था की एक सीढ़ी अचानक वे चढ़ गए हैं।

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साहित्य प्रेमी साँप

उस दिन हिंदी के प्रसिद्ध कवि तथा नाटककार डॉ. राजकुमार वर्मा एक बहुत जरूरी कागज अपनी फाइल में ढूँढ़ रहे थे तो लिफाफे में उनकी एक चमकदार करैत साँप से भेंट हो गई।

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