पं. गोविंद बल्लभ पंत, नैनीताल!
राजनीति ने साहित्य को सदा से दबाया है। राजनीतिक पंत के नाम ने साहित्यिक पंत के नाम को अपने में पचा लिया है।
राजनीति ने साहित्य को सदा से दबाया है। राजनीतिक पंत के नाम ने साहित्यिक पंत के नाम को अपने में पचा लिया है।
इन्हीं नाटककार सेठ जी का एक समाचार मिला है कि आपने जबलपुर में अपने राजप्रासाद (राजा गोकुलदास पैलेस) में एक शेर का बच्चा पाला है।