यादों के सफर में मलेशिया ड्रीमलैंड
जेटिंग में हमारा दो दिन रुकने का प्रोग्राम था, क्योंकि मैं यहाँ की स्वर्णिम स्मृतियों को अपने मानस पटल पर भलीभाँति सँजो लेना चाहती थी, शाम के समय हम दो ग्रुपों में विभाजित होकर टहलने निकले क्योंकि वहाँ की भव्यता देखकर हमें अंदाजा हो गया था कि इस प्रकार हम सभी अपनी-अपनी रुचियों के अनुसार घूम सकते हैं। वह हमारी कल्पनाओं से भी अधिक बड़ा तथा भव्य था। यहाँ आने पर जितनी मुझे खुशी हो रही थी उतना ही मेरा भावुक मन कुछ सोचने को विवश था।