“वन के मन में” : एक अद्भुत उपलब्धि

वन के मन में’ श्री योगेंद्र नाथ सिन्हा का दूसरा आंचलिक उपन्यास है जो सन् 1962 ई. में प्रकाशित हुआ। पुस्तकाकार छपने के पूर्व यह ‘धर्मयुग’ में धारावाहिक छपा और लोकप्रिय हुआ।

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