भूल जाने दे
भूल जाने दे मुझे अपनी समूची कल्पना बादलों का घूँट पी पीकर बनी जो चाँदनी भूल जाने दे परागी तारिकाओं की विभा
भूल जाने दे मुझे अपनी समूची कल्पना बादलों का घूँट पी पीकर बनी जो चाँदनी भूल जाने दे परागी तारिकाओं की विभा
मोटे चावल का भात चने और खेसारी के साग के साथ सानकर हेमा बड़े-बड़े निवाले निगलती और आँगन में पसरती धूप को देखती जाती थी, तभी अद्धा का घंटा बजा। बाहर बच्चे शोर मचा कर खेल रहे थे। हेमा को लगा जैसे अबतक स्वाद देने वाले अन्न के ग्रास उसके कंठ में अटक रहे हों।
तुम्हारे नयन-रथ में ही सूर्य सवार हो कर भ्रमण करेंगे : जगत-पहिया खोजने के लिए ।
बहुत करीब तुम्हारे घर से राह हमारी गुजर गयी है !