बलिपथ के गीत

जब राष्ट्रोत्थान की भावना दिनोंदिन अपना व्यापक रूप धारण करती जा रही थी, उन दिनों भी ‘मिलिंद’ मिलिंद था। वह कभी अकोला में अध्ययन करता था, तो कभी पूना के तिलक विद्यापीठ की परीक्षा देता था।

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