प्रगति की ओर
दोस्ती के नाम पर कुछ भी कर गुजरेंगे ये हमारी कायरता नहीं महानता का है प्रमाण कि अपने जवानों की जघन्य हत्याओं के बावजूद हम शांति का चालीसा पढ़ रहे हैं
दोस्ती के नाम पर कुछ भी कर गुजरेंगे ये हमारी कायरता नहीं महानता का है प्रमाण कि अपने जवानों की जघन्य हत्याओं के बावजूद हम शांति का चालीसा पढ़ रहे हैं
अनजान बने हो किसके उकसावे में तने हो, घर की बात बाहर उछालने तीसरे के आगे पूँछ हिलाने में शान समझते हो
रंजना ने बत्ती जलायी तो पति का पीछे से गंजा हो रहा सिर परावर्तित प्रकाश में पहले से कुछ ज्यादा ही गंजा नजर आया। ‘पहले से...’ उसके मुँह में आया चुहलभरा
भरी निगाहों से उसकी झोपड़ी की ओर ताकता ताकि उसकी दुल्हन की एक झलक पा जाऊँ लेकिन महीनों उसके दर्शन नहीं हुए।
भारतीय रिजर्व बैंक के 80 साल पूरे होने पर मुंबई में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बैंकों को किसानों को कर्ज देने में उदारता बरतनी चाहिए।
धमनियों में पुराना क्रोध सुरसुराने लगा–इसे तुम्हारा प्रतिकार समझूँ या प्रतिशोध? चुनौती या चेतावनी? मेरा दिया तुम कुछ भी