समकालीन कविता में प्रतीक
मुक्तिबोध ने कविता को अपने सार्थक और मौलिक प्रतीकों के द्वारा कलात्मक सौंदर्य, गहराई और सांकेतिकता प्रदान की है। मुक्तिबोध की कविताओं में वर्तमान के वैज्ञानिक एवं मौलिक तथा भूतकाल के पौराणिक प्रतीकों का भी प्रयोग पर्याप्त मात्रा में है। वस्तुतः उनके प्रतीक सुनियोजित सुव्यवस्थित सटीक होते हैं।