यशस्वी भव
अवधेश ने अपनी आँखें पोंछीं, अपने आपको स्थिर किया और प्रवीर की तरफ मुँह घुमाया। प्रवीर का स्थिर और पथराया चेहरा देखकर वह सहम गया। उसने प्रवीर को टोका,
अवधेश ने अपनी आँखें पोंछीं, अपने आपको स्थिर किया और प्रवीर की तरफ मुँह घुमाया। प्रवीर का स्थिर और पथराया चेहरा देखकर वह सहम गया। उसने प्रवीर को टोका,
रेहाना अपनी अम्मी जान को बगैर देखे ही यह महसूस कर रही थी कि परछाइयाँ बोल सकती हैं। उसे लगा कि बड़ी बी ने ऐनक उतारी, उसे हथेलियों से मसला
अपने ही मुहल्ले के लड़के वहाँ काम कर रहे हैं। मुझसे कह रहे थे, भइया आप मेरे साथ चलो। आप बस बैठे रहना।
अपनी बेगम की बेवफाई का बादशाह शहरयार के दिल पर गहरा असर पड़ा और उनका औरत जात पर से ही भरोसा उठ गया।
बाइक पर चलते समय अथवा कार चालन के समय हमारे प्रोफेसर साहब सचेत रहते हैं कि राह में बातचीत के योग्य कोई सुपात्र न छूट जाए।
स्त्रियों को नौकरी नहीं करनी चाहिए। राजनीति करने की जरूरत नहीं। दूसरा, वो हथियारों का जखीरा रखेंगे, उन्हें नष्ट नहीं करेंगे लेकिन दूसरे राष्ट्रों को हथियार नहीं बनाना होगा।