आरक्षण
आरक्षण विरोधियों को? अयोग्य तो दोनों ही हैं। नौकरी की निर्धारित योग्यता तो दोनों में ही नहीं है। विरोध करना है तो दोनों ही तरह के आरक्षण का होना चाहिए।
आरक्षण विरोधियों को? अयोग्य तो दोनों ही हैं। नौकरी की निर्धारित योग्यता तो दोनों में ही नहीं है। विरोध करना है तो दोनों ही तरह के आरक्षण का होना चाहिए।
किसी दूसरी को लाओगी न, तो उसका भी यही हश्र होगा अम्मा। मैं घर में रहकर भी उसकी रक्षा नहीं कर पाऊँगा और बँधे हाथ-पाँव भी,
भारतीय संस्कृति के किन मूल्यों में उसका सामर्थ्य निहित है और कौन-सी प्रवृत्तियाँ उसे वह बल और गतिशीलता दे सकती है, जिसकी उस पश्चिमी संस्कृति का मुकाबला करने के लिए आवश्यकता होगी, यह प्रश्न भी हमारे सामने है।
आरंभ से विदेश में पली-बढ़ी नन्हीं पोती के व्यवहार, बोली और सोच से हतप्रभ सूर्यबाला अचंभित हैं और थोड़ा दुःखी भी।
यह सुनकर ओजसिंह के हाथ जुड़ गए। वक्त देखकर सुमन जी ने कहा, ‘हाँ, एक वह रेडियो होता है न, जिसमें तस्वीरें आती हैं...वह दे देना।’
तीनों को मालूम है कि पति ने चाय के लिए एक ही बार कहा था। शालू से रहा नहीं गया। रसोई से चाय लाते समय वह बोली, ‘सासू माँ, क्या आपकी सास ने भी आपके साथ ऐसा सलूक किया था