पूर्वोत्तर में कौवे
मैं दुनिया-जहान के उन कपूतों में सबसे शीर्ष पर हूँ, जिन्होंने माँ के लिए कुछ नहीं किया। मैंने जब-जब कुछ करना चाहा, माँ ने हंसकर मेरा हाथ झटक दिया
मैं दुनिया-जहान के उन कपूतों में सबसे शीर्ष पर हूँ, जिन्होंने माँ के लिए कुछ नहीं किया। मैंने जब-जब कुछ करना चाहा, माँ ने हंसकर मेरा हाथ झटक दिया
कानून की नजरों में बच्चे समय से पहले जवान हो रहे हैं क्योंकि आज कल तथागत तुलसी के साथ ही निर्भया जैसों के कातिल भी पैदा हो रहे हैं!
पहले हम पाँच भाई बहनआपस में एक गुड़िया के लिए लड़ा झगड़ा करते थे और माँ की डाँट सुन कर दिनभर उदास रहा करते थे
निरख रही है वह सूनी सूनी आँखों सेताखा पर रखा दीया जल रहा धीरे-धीरे समय की भट्टी में सुलग रही वह भी धीरे धीरे
कविता की रचना सिर्फ रचना नहीं है मेरे लिए मन की छटपटाहट जब खौलते पानी की तरह हीरह रह कर पट पट की आवाज से मेरे मन प्राण को जलाती
घर-बाहर, दृश्य-अदृश्य हर जगह होती है एक देहरी जिसे पार करना मना होता है औरतों को क्योंकि, कहीं भी कुछ हो कौंधता है