विवेकी राय के नाम 10 पत्र
मैं इधर तीन-चार दिनों से आपकी ‘सोनामाटी’ में इस प्रकार डूबा था कि सभी कम आवश्यक कार्य मुल्तवी कर दिए थे
मैं इधर तीन-चार दिनों से आपकी ‘सोनामाटी’ में इस प्रकार डूबा था कि सभी कम आवश्यक कार्य मुल्तवी कर दिए थे
युग प्रतिनिधि कलाकार प्रेमचंद हिंदी उपन्यास के प्रेरणासूत्र और प्रकाश-स्तंभ हैं। उन्होंने हिंदी उपन्यास को उसकी सहजभूमि पर प्रतिष्ठित ही नहीं किया, भावी उपन्यासकारों के लिए दिशा-संकेत भी दिए।
कुछ पूजा के आयोजन-सा होने लगता जब मेरे मन में प्यार देवता-सा चुप-चुप आने लगता मन मंदिर होने लगता ऐसा रूपक सजने लगता
विशुद्धानंद की ‘माथे माटी चंदन’ जो भोजपुरी भाषा में तेरह कड़ियों की नाट्य धारावाहिक पुस्तक है, पूर्णतः ग्रामीण क्षेत्र में आतीं
संपदा पांडेय कृत ‘भारतीय नारी: सृजन और व्यंग्य-कर्म’ पुस्तक संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की कनिष्ठ शोधवृत्ति के लिए तैयार
‘नवगीत का लोकधर्मी सौंदर्यबोध’ समीक्षक एवं नवगीतकार राधेश्याम बंधु की नवगीत की आलोचना की यह तीसरी पुस्तक है।