
Image name Twilight over the Path
Image Source: WikiArt
Artist: Albert Bierstadt
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अँधेरा और सूरज
तमस-आवरण भेद देता है अँधेरे का अंतस्तल निर्निमेष झाँकता बढ़ता है किंतु अँधेरे का राज्य अब भी बना हुआ अप्रमेय
तमस-आवरण भेद देता है अँधेरे का अंतस्तल निर्निमेष झाँकता बढ़ता है किंतु अँधेरे का राज्य अब भी बना हुआ अप्रमेय
यहाँ आरा मशीन चलती है तो लकड़ी के चीरने की आवाज़ इसके-उसके कानों तक पहुँचती रहती है निरंतर जिस तरह रेलगाड़ी के गुजरने की आवाज़
सबने सामूहिक गान किया खाई कसमें सबने कुछ कवि के पैर पड़े थे जहाँ-तहाँ वहाँ शुद्धता बची थी
मेरे संगीतज्ञ ने एक रोज मुझे बताया धूप है तो बारिश है बारिश है तो धूप है
गरहे में पानी खेतों की जोत दिखाई दे वहाँ बात करती हँसती हुईं झुंड में लड़कियाँ और लड़के लगा रहे हों कहकहे
जीस्त में कुछ कर गुजरने के लिए आश्नाई खुद से भी दरकार हैदर्द, गम, हसरत, मसर्रत से भरा दिल हमारा दिल नहीं बाजार है