सामने जो कहा नहीं होता
The Absinth Drinker by Albrecht Anker- WikiArt

सामने जो कहा नहीं होता

नाव क्यों उसके हाथों सौंपी थी नाखुदा तो खुदा नहीं होतातप नहीं सकता दु:ख की आँच में जो खुद से वो आश्ना नहीं होता

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 इंतज़ार
Ville d_Avray the Heights Peasants Working in a Field by Camille Corot- WikiArt

इंतज़ार

लड़की का बाप सीधा-सादा आदमी था। एक बार भाग कर गया तो दुबारा नहीं आया। उसका चाचा इधर-उधर से रमेश के पिता जी पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा। मगर कोई फायदा नहीं हुआ। अंत में हारकर बैठ गया। रमेश के अपहरण का जो केस बना था वह चलता रहा। लड़की वालों की तरफ से भी दहेज उत्पीड़न का एक फर्जी केस लगा दिया गया।

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 आदमी ज़िन्दा रहे
Man of Sorrow by Albrecht Durer- WikiArt

आदमी ज़िन्दा रहे

वेदनाएँ दस्तकें देने लगीं इतना मत इतराइए उल्लास परजो हो खुद फैला रहा घर-घर इसे पाएगा काबू वो क्या संत्रास पर

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 घोड़ों की टाप
A Moroccan Saddling a Horse by Eugene Delacroix- WikiArt

घोड़ों की टाप

छोटे शाह के नजदीकियों को तमाम हालात का इल्म था। वो मैनेजर की बेजा हरकतों से भी वाकिफ़ थे। पर शाह मंजिल की दीवारों पर उनकी गिरफ्त कमजोर हो चली थी। शाह मंजिल की तमाम बेगमें बस्ती के अपराधियों के हाथों बेबस हो गई थीं।

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