
Image name: Sleeping Child
Image Source: WikiArt
Artist: Bernardo Strozzi
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नींद
उसके गालों की सुखी हुई लकीर और मुझे शर्मिंदा होने दो अपनी कविता पर हम रचेंगे, खूब रचेंगे दुःख क्योंकि हमारे पास सुख की ढेरों कहानियाँ हैं
उसके गालों की सुखी हुई लकीर और मुझे शर्मिंदा होने दो अपनी कविता पर हम रचेंगे, खूब रचेंगे दुःख क्योंकि हमारे पास सुख की ढेरों कहानियाँ हैं
इस पर मुहर कौन लगाता सारे मसले कहाँ से उठते सारे फैसले कहाँ तक जाते मेरे परों को काटा गया मेरे जिस्म को नोचा गया
आपने सर उठाया नहीं तो आप पर क्यों निशाने लगे हैंमुझको रखते थे जो ठोकरों में वो गले अब लगाने लगे हैं
मन की बात बताने में दोनों को हकलाहट हैउसका भी जी ऊब गया मुझको भी उकताहट है
किसी ने बनाए फलक, चाँद तारे किसी ने हमें ये नज़ारा दिया हैमुझे याद है अब भी भुला नहीं हूँ जो है पास मेरे तुम्हारा दिया है
सुनना लाज़िम है कारों के हॉर्न राह चलते खुले कान रखनातुमसे लेंगे सबक आदमी सब उम्र भर खुद को इनसान रखना