जो बीत गई सो बात गई
कितने इसके तारे टूटे कितने इसके प्यारे छूटे जो छूट गए फिर कहाँ मिले पर बोलो टूटे तारों पर कब अंबर शोक मनाता है जो बीत गई सो बात गई।
कितने इसके तारे टूटे कितने इसके प्यारे छूटे जो छूट गए फिर कहाँ मिले पर बोलो टूटे तारों पर कब अंबर शोक मनाता है जो बीत गई सो बात गई।
अँधेरे से अँधेरे वक्त में भी जिंदा रहते हैं सपने पहले एक आदमी की आँखों में उतरते हैं फिर हजार आँखों में झिलमिला उठते हैं
जब किसी निर्दोष के गले पर कोई सरकार अपने घुटने टिका देती है उसका दम घुटने लगता है मुर्दे पहचान लिए जाते हैं
दूरी इतनी ही रहे कि आँसुओं तक पहुँच सकें हाथ इतनी ज्यादा नहीं कि धड़कनें भी न सुनायी पड़ें इतनी तो बिल्कुल ही नहीं कि
अभी आधी रात का है वक्त बारिश हो रही झर-झर आ रही ठंडी हवा सर-सर बूँदों से गुजरतीं भीगतीं सर्द के अहसास से भरती हृदय को
वे अपने नियम के बहुत पाबंद हैं उससे बाहर नहीं आना चाहते वे डॉक्टर की सलाह पर चलते हैं डॉक्टर ने कहा है कि अपना ध्यान रखना वे सिर्फ अपना ध्यान रखते हैं।