विरुद्ध
न्यूटन के गति के तीसरे नियम का तुम उल्लंघन नहीं कर सकते, यह विरुद्ध है विज्ञान और प्रकृति दोनों के।
नई धारा संवाद : रामदरश मिश्र (प्रसिद्ध साहित्यकार)
इस कड़ी में हमारे साथ हैं हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार, बल्कि मैं कहूँ कि अभी के वरिष्ठतम साहित्यकार रामदरश मिश्र जी। रामदरश मिश्र जी का जन्म 15 अगस्त 1924 को गोरखपुर के डुमरी गाँव में हुआ।
हम फिर मिलेंगे
मुझे याद है वह बसंत का मौसम था मैंने उससे इतना ही कहा– अगले बसंत में हम फिर मिलेंगे चिड़ियों वाले उसी घने पेड़ के नीचे!
उजास
मन की तरह कोई सीमा नहीं होती उम्मीदों की भी वे उग आ सकती हैं किधर से भी वे बहुत-सी उदासी के साथ ले आती हैं थोड़ा-सा उजास
गजल में एक नया आस्वाद
आलोच्य पुस्तक की शीर्षक का निहितार्थ ठीक से उजागर हो सके, इसे ध्यान में रखकर द्विज जी ने, संग्रह में ‘हजारों सदियों का सारांश कुछ कथाएँ हैं’ शीर्षक से आठ शेर की एक रचना भी, लगभग आरंभ में ही शामिल की है।
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