समाजसेविका शीला सिन्हा
श्रीमती शीला सिन्हा एक कुशल गृहणी, आदर्श पत्नी, गौरवमयी माता, निष्ठावान समाज सेविका और सर्वजन हिताय मानव स्वरूपा थीं।
श्रीमती शीला सिन्हा एक कुशल गृहणी, आदर्श पत्नी, गौरवमयी माता, निष्ठावान समाज सेविका और सर्वजन हिताय मानव स्वरूपा थीं।
तू अकेली है तो क्या... तू जमीन बन/तू आसमान बन तू शिखर बन/तू हवा बन बह
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई, मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई!
जब तक हम भाई-बहन हैं और हमारे बच्चे हैं, उन सबमें हमारी अम्मा की छवियाँ अपनी मौजूदगी से हमें समृद्ध करती रहेंगी!