प्रतिरोधी चेतना के साहित्यकार उदय राज सिंह
हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार उदय राज सिंह का संपूर्ण रचनाकर्म मध्यवर्गीय नागर समाज के बहुपरतीय जीवन-संघर्ष और भावनात्मक रिश्ते की संवेदना को उकेरता अपने समय का जीवंत दस्तावेज है।
विदेशी कवियों के हिंदी अनुवाद–(स्थिति और चुनौतियाँ)
अनुवाद दो भाषाओं को जोड़ने वाला पुल है। अनुवाद के द्वारा ही हम किसी दूसरे देश, प्रांत के साहित्य, कला, संस्कृति व विज्ञान से परस्पर परिचित हो सकते हैं।
ऐसा न हुआ तो
ऐसा न हुआ तो कहीं वैसा न हुआ तो सोचा किए हैं हम वही सोचा न हुआ तोकश्ती को सर पे लेके चला जा तो रहा हूँ रस्ते में तेरे घर की जो दरिया न हुआ तो
तुम्हारे बिना
आज तुम्हें होना चाहिए था जेठ की चिलचिलाती रेत पर हम चल लेते, बहुत होता तो
वे मुझसे ये कहते
वे मुझसे ये कहते हैं आप तो अब तक बच्चे हैंहम तो बिल्कुल अच्छे हैं आप बताएँ कैसे हैं
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