एक दिन आसमान नीला था
अरसे बाद सिराज को देखकर टुटुल मुस्कुराया। सिराज अपने पिता के पीछे खड़ा था। वह काफी लंबा हो गया है, उसकी पतली मूँछें भी उगने लगी थी। सिराज के पिता बटरफ्लाई मॉल के दरबान के आगे हाथ जोड़कर कह रहे थे।
अरसे बाद सिराज को देखकर टुटुल मुस्कुराया। सिराज अपने पिता के पीछे खड़ा था। वह काफी लंबा हो गया है, उसकी पतली मूँछें भी उगने लगी थी। सिराज के पिता बटरफ्लाई मॉल के दरबान के आगे हाथ जोड़कर कह रहे थे।
‘नेपथ्य के नायक’ सामाजिक न्याय और समता के लिए लड़ने वाले ऐसे 25 नायकों की जीवनी है, जिनको हमारे इतिहास लेखन में उचित मान-सम्मान नहीं दिया गया।
अभी घर में मैं हूँ और मेरी माँ है लेकिन माँ चिंतित और उदास है मेरे भाई को घर से निकले दो घंटे हो चुके हैं
चढ़ते दिन और ढलती शाम के बीच खाली होता घर जैसे इंतजार कर रहा होता है
कैलाश वाजपेयी उसी परंपरा के कवि हैं जिन्होंने कविता में वह सब कहने की चेष्टा की है जो बीसवीं शताब्दी के मनुष्य के साथ घटा है।