नदियों की गोद में
वे जो दिखते हैं हमारे आसपास बड़ी नैतिकता वाले लोग पेड़ों को काटकर सजाते हैं अपने घर
वे जो दिखते हैं हमारे आसपास बड़ी नैतिकता वाले लोग पेड़ों को काटकर सजाते हैं अपने घर
बीज उड़ता है आसमान में बहता है नदी की धार में जानवरों की अँतड़ियों और चिड़ियों की चोंच में फँसकर चला जाता है सरहदों के पार दूर तक
हिंदी कथा साहित्य के क्षेत्र में फणीश्वरनाथ रेणु का आगमन एक महत्त्वपूर्ण घटना है। इन्होंने कथा साहित्य को लोकजीवन के अपार वैभव से जोड़कर उसमें निहित संभावनाओं का अधिकतम दोहन किया है।
एक समय था जब बिहार पत्र-पत्रिकाओं की मरुभूमि के नाम से कुख्यात रहा, इसका कारण प्रतिभाशाली पत्रकारों या प्रबुद्ध पाठकों की कमी नहीं थी बल्कि एक संयोग था कि यहाँ के विद्वान कलकत्ता, दिल्ली, बनारस मुंबई, लखनऊ, कानपुर से प्रकाशित होनेवाली पत्र-पत्रिकाओं के संपादक थे और यहाँ के पाठक अन्य प्रदेशों से निकलनेवाली पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ रहे थे।