जीवंत स्वप्न
मूल्य सहयोग, सहानुभूति प्रेम, सौहार्द्रता के बदल रहे हैंपर्यायऐसे में ढूँढ़ती हूँ मैं अपने अंदर कुछ तरल, पारदर्शी प्राकृतिक-सा
मूल्य सहयोग, सहानुभूति प्रेम, सौहार्द्रता के बदल रहे हैंपर्यायऐसे में ढूँढ़ती हूँ मैं अपने अंदर कुछ तरल, पारदर्शी प्राकृतिक-सा
अब न कोई दर न दीवार न मकाँ न छत अपने हालातों में हलाल मैं छली गई हूँ उनसे जिसकी सर्जक रही हूँ मैं। Image name: Alyonushka Image Source: WikiArt…
आँखों में अपनी उसकी असीम इच्छाएँ जीने नहीं देती उसे सुकून के दो पल वह गढ़ता नित नई परिभाषाएँ
बंद दरबाजे खुलेंगे अब नहीं भाव भँवर गूँज से अब न कोई खंड ऐसा है बचा प्यार की जो बात तुमसे कर सके
एक अकेला पक्षी-सा वह क्षितिज छोर के शून्य लोक में आश्रय पा लेने जीवन का उम्मीदों के ज़द में खोकर
मेरे नाविक चलो वहाँ अब जहाँ नहीं हो कोई अपना, पर रुकना उस तट पर ही तुम जहाँ खड़ा हो मरुभूमि में