लोग क़द से ख़ासे लंबे जा रहे हैं
Self-portrait with bottle of wine by Edvard Munch- WikiArt

लोग क़द से ख़ासे लंबे जा रहे हैं

आगे बढ़ने की ललक में किसने देखा लोग कितना पीछे छूटे जा रहे हैंहमने रिश्तों के लिए दौलत कमाई अब उसी दौलत से रिश्ते जा रहे हैं

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 अपने भीतर झाँकने का मन
Miranda by John William Waterhouse- WikiArt

अपने भीतर झाँकने का मन

अपनी कमियाँ भी नज़र आएँगी ही उसमें आदमी मन को अगर दर्पण करे तब तोकुछ भी तो बचपन सरीखा है नहीं निश्छल अपनी हर इक उम्र वह बचपन करे तब तो

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 उतरती बाढ़
Bajarmaland by Viktor Vasnetsov- WikiArt

उतरती बाढ़

दुश्मन के गढ़ में घुस कर उसे नेस्तनाबूद करने के बाद जैसे लौट आती है विजयिनी सेना छोड़ कर ध्वंसावशेष और अपनी विजय के ढेरों पद-चिह्न ठीक वैसे ही इत्मिनान,…

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