ममता को दर्शाती कहानियाँ
निरूपमा राय की ‘प्रतिरूप तुम्हारा’ कहानी संग्रह में ‘माँ’ के विभिन्न रूपों को दर्शाती, बहुत मार्मिक व भावना प्रधान कहानियाँ हैं।
निरूपमा राय की ‘प्रतिरूप तुम्हारा’ कहानी संग्रह में ‘माँ’ के विभिन्न रूपों को दर्शाती, बहुत मार्मिक व भावना प्रधान कहानियाँ हैं।
मीडिया पर खबरें छाई हुई थीं। देवकीनंदन त्रिपाठी ने सुना तो सन्न रह गया था, ‘कौन मरवा दिया सुजतवा को।’
न्यायाधीश की पत्नी ने हर पल पर पकड़ हासिल कर ली। उसने मनमोहक और लुभावनी अदाएँ निकोलस विडल पर इस्तेमाल की।
काश, कोई यार मिलता जो दिल की बात सुनता-समझता जो था भी वह गुजर गया, काश कोई ऐसी पुस्तक मिलती जो प्रेमिका की यादें भूला देती काश, कोई वृद्धा संगिनी मिलती
अतिआधुनिकता की परिणतियाँ देखने के बाद भी हम चेतते क्यों नहीं? सुबह का भूला शाम को घर वापसी क्यों न सोचें।
मारै मौज, मानवैं खैर अपन अपन से जिनका वैर रिखी-मुनी का देय नजीर क्या सखि प्रीतम? नहीं वजीर