झूठ के हैं वो परस्तार खुदा खैर करे
झूठ के हैं वो परस्तार खुदा खैर करे कैसे-कैसे यहाँ किरदार खुदा खैर करेडर के मारे हैं जो, निकले ही नहीं हैं घर से अब वह लोग हैं सरदार खुदा खैर करेहम अबस दोष दें क्यों गैर को बर्बाद की
झूठ के हैं वो परस्तार खुदा खैर करे कैसे-कैसे यहाँ किरदार खुदा खैर करेडर के मारे हैं जो, निकले ही नहीं हैं घर से अब वह लोग हैं सरदार खुदा खैर करेहम अबस दोष दें क्यों गैर को बर्बाद की
यूँ तो लहजा तल्खतर तेरा भी है मेरा भी है अलहदा मकसद मगर तेरा भी है मेरा भी हैखा-रहे है ये वबा जिनको निवाले की तरह उनमें इक लख्ते-जिगर तेरा भी है मेरा भी हैगोद में मरयम की वो नूरे-नजर मरयम का था
चुप क्यों है इतने आप जरा खुल के बोलिए अब मत छुपाएँ पाप जरा खुल के बोलिएइसको भी जी हुजूर है उसको भी जी हुजूर हैं किसके साथ आप जरा खुल के बोलिए
सब गिर गए मेयार मगर शेष कुशल है बिकने को है दस्तार मगर शेष कुशल हैसिस्टम को तपेदिक है बवासीर है यारो मुश्किल है ये उपचार मगर शेष कुशल हैकोने में पडा है कहीं सच बोलने वाला
खबर में रह, नई रफ्तार बन जा निकल हुजरे से अब बाजार बन जापसीने की कमाई का मजा ले कभी दो पल को तो खुद्दार बन जामुसलसल ये दुकाँ चलती रहेगी, कभी टोपी कभी जुन्नार बन जा
गाम-दर-गाम है खड़ा जींगल या कहूँ साथ चल रहा जींगलपहले जींगल था मसफा जींगल में अब तो नगरों में आ-गया जींगल‘एक तोता था एक मैना थी’ कह रहा है कोई कथा जींगल