हिंदी गजल के एक सक्रिय महारथी
‘अनिरुद्ध की गजलें अपने अलग तेवर और जुदा अंदाज के लिए जानी जाती रही हैं। वह हमें गुदगुदाती भी हैं, खरोचती भी हैं, बेचैन भी करती हैं। और सबसे बड़ी बात कि पढ़ने के बाद भी दिलो-दिमाग में तीव्र अनुगूँज छोड़ जाती हैं। यही वजह है