ऐसी कब आदत रखता हूँ
ऐसी कब आदत रखता हूँ साफ नहीं नीयत रखता हूँबारिश होगी होने भी दो अपने सिर पर छत रखता हूँतुम दौलत रखते हो रक्खो अलमारी में खत रखता हूँनहीं बुझाऊँगा मैं दीपक
ऐसी कब आदत रखता हूँ साफ नहीं नीयत रखता हूँबारिश होगी होने भी दो अपने सिर पर छत रखता हूँतुम दौलत रखते हो रक्खो अलमारी में खत रखता हूँनहीं बुझाऊँगा मैं दीपक
जाने किसको मलाल होता है जब बुरा मेरा हाल होता हैदिल बराबर ही टूटकर रोया इश्क में ये कमाल होता हैक्या तुम्हारी है आँख में आँसू हाथ में बस रुमाल होता है
तुम क्या जानो राजघराने की बातें हैं चाँदनगर में जश्न मनाने की बातें हैंसब सच्चे किरदार निकलकर चले गए हैं सब बातें झूठे अफसाने की बातें हैं
जब-जब उसका चेहरा देखा कोई जाम छलकता देखासबने उसको कतरा देखा मैंने उसमें दरिया देखामैंने जब आईना देखा बस उसका ही चेहरा देखा
वो हिम्मत करके पहले अपने अंदर से निकलते हैं बहुत कम लोग, घर को फूँक कर घर से निकलते हैंअधिकतर प्रश्न पहले, बाद में मिलते रहे उत्तर कई प्रति-प्रश्न ऐसे हैं जो उत्तर से निकलते हैंपरों के बल पे पंछी नापते हैं आसमानों को
कोठी नहीं है एक अदद झोपड़ी तो है, हैं मुश्किलें हजार लबों पर हँसी तो हैलड़ती है तीरगी से कभी हारती नहीं दीये की रोशनी ही सही रोशनी तो है