मेरे घर के पिछवाड़े से ऊपर उठ के आए चाँद

मेरे घर के पिछवाड़े से ऊपर उठ के आए चाँद माथे पर टिकुली-सा चमचम कितना आज सुहाए चाँदकहाँ मिलेगा मेरा साथी, जाना है किस ओर मुझे नभ में खुद ही चलकर मुझको राह दिखाता जाए चाँदमेरा साथी तो न आया, उसका क्या फिर आएगा

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हर कदम पर तेरी सादगी चाहिए

हर कदम पर तेरी सादगी चाहिए जिंदगी तुझसे बस जिंदगी चाहिएउम्र भर जो रहे साथ में दोस्तो उम्र भर के लिए वो खुशी चाहिएहै अँधेरा बहुत दूर चलना अभी ऐ सितारों मुझे से रोशनी चाहिए

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ये गुहर है आजमाकर देखिए

ये गुहर है आजमाकर देखिए एक पत्थर ही उठाकर देखिएआप खुद को बेचिए ऐसे नहीं वक्त की बोली लगाकर देखिएकौन जिम्मेदार है इस दौर का धूल अलबम से हटाकर देखिए

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शून्य की कल्पना दे गया

शून्य की कल्पना दे गया वक्त सपनों को क्या दे गयाहम उसी पर चले उम्रभर मौन जो रास्ता दे गयाधूप का एक टुकड़ा महज मंजिलों का पता दे गया

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मेरी आँखों में ये खला क्या है

मेरी आँखों में ये खला क्या है तू अगर साथ है, जुदा क्या हैदर्ज हैं इसमें ख्वाहिशें सबकी मेरे चेहरे में अब मेरा क्या हैरास्ते की तलाश है सबको अब सिवा इसके रास्ता क्या है

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जितना जी चाहे लुटाओ इसे दौलत समझो

जितना जी चाहे लुटाओ इसे दौलत समझो मिल गई तुमको मुहब्बत तो ये नेमत समझोअहले-दुनिया जो परखती है परखने दो तुम अपनी मंजिल पे नजर रक्खो सियासत समझोआग में तप के जो चमका है वही सोना है ऐसे वैसों के चमकने की हकीकत समझो

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