प्यार का बुलबुला

‘हमें कठिन हालात में भी बहुत अच्छा करना होगा। क्योंकि हमसे कई लोगों की उम्मीदें जुड़ी हैं। अगर हम भटक गए तो हमारी एक और पीढ़ी गरीबी और मुफलिसी में तिल-तिल तड़पने को मजबूर हो जाएँगे।’

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होत चीकने पात

इस स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है, यह महत्वपूर्ण तथा कठिन कार्य है। हमें इसके लिए बहुत कुछ करना है।

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एक दिन का युद्ध

पहला संस्करण जल्दी ही प्रेस में भेजना है। बदहवास-सा वह घर पर फोन पर हिदायत दे रहा था। वह बार-बार प्रेस को बता रहा था कि जितनी जल्दी मशीन चालू हो सके कर दो।

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उदय राज सिंह के उपन्यासों में स्त्री

‘उदय राज रचनावली’ नाम से चार खंडों में प्रकाशित हो चुका है। उनके उपन्यास साहित्य में अपने समकालीन समाज को बेहद करीब से देखने-परखने की दृष्टि मिलती है,

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बाजार की गोद में फिसलता बचपन

अभी पिछले हफ्ते एक राज्यस्तरीय संगोष्ठी में मुझे बुलाया गया, जो वैश्वीकरण के दुष्परिणामों से प्रभावित बाल मनोविज्ञान से संबंधित था। संगोष्ठी में कई तरह के पर्चे पढ़े गए, जो विकासशील देशों के शहरी बच्चों की तंग होती दुनिया की त्रासदी से परिचित कराने वाले थे।

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