एक नाव में अनेक नाविक
सर्जना बहुत अलग विषय है, वह छठवीं इन्द्री के जाग्रत होने पर अवतरित होती है। व्यवसाय से सर्जना का कोई संबंध नहीं है। सर्जक होना सौभाग्य होता है।
सर्जना बहुत अलग विषय है, वह छठवीं इन्द्री के जाग्रत होने पर अवतरित होती है। व्यवसाय से सर्जना का कोई संबंध नहीं है। सर्जक होना सौभाग्य होता है।
सोने की तरह चमके हैं उनके मस्तक पर मैं सर में रखे उस टोकरे का क्या करूँ जो अब भी गंध फेंक रहा है जस का तस और धोई जा रही है दीक्षा भूमि जो गंधा उठी है देहों के स्पर्श से
शैली की बात आई है तो इसी संग्रह की ‘प्रभु बोर हो रहे हैं’ रचना याद आ रही है। लेखक ने कल्पना की है कि कोरोना का प्रोटोकॉल क्षीरसागर तक पहुँच गया है
जानता हूँ, उस वक्त भी तुम गाली दोगी, दुर्दुराओगी गुस्सा होओगी, भगाओगी पर मैं तुम्हारे साथ रहूँगातुम्हें, छोड़कर जाने के लिए तुम्हें प्यार नहीं किया है साथ रहने के लिए प्यार किया है
रॉबर्ट बर्न अन्याय, शोषण और विसंगतियों के विरुद्ध अपनी कविताओं को अभिव्यक्त करते हैं और जब तक ऐसी स्थितियाँ संस्मरण रहेंगी
क्रांतियाँ निष्फल नहीं होती बलि माँगती हैं खून को पसीना बनाकर आपको बेहतर मनुष्य होने का अहसास करवाती हैंक्रांतियों से कुछ लोग सिखते हैं कुछ डरते हैं कुछ वज्र मूर्ख होते हैं –मरते हैं