चित्रशाला
पानी बह चुके गंगा के कितने बहने को बाकी हैं कितने दृश्य अनगिनत उपस्थित करते हुए फिर उन्हें गायब करते हुए सूरज कितनी ही बार उग चुका
पानी बह चुके गंगा के कितने बहने को बाकी हैं कितने दृश्य अनगिनत उपस्थित करते हुए फिर उन्हें गायब करते हुए सूरज कितनी ही बार उग चुका
उबुद बाली का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल है। जो पारंपरिक आभूषण, पत्थर की मूर्तियों, ग्लास वर्क, बाटिक और बाँस एवं लकड़ी के खिलौने के लिए विख्यात हैं।
जल जंगल जमीन को बचाने की बात नहीं कर सकता आदिवासी दलित पिछड़ों के अधिकारों की बात नहीं कर सकता महिला के सम्मान की बात नहीं कर सकता ऐसे पद पर रहने से नफ़रत है मुझे
यह वही गाड़ी है जिस गाड़ी में हत्या करके लाए थे रात के ग्यारह बजे बूढ़ी माँ के नौजवान बेटे कोकहीं से नहीं दिखाता ख़ुद को हत्यारा सभी झूठों को इक्कठा करके ख़ुद को कर लिया
‘आप हमारी बात को नहीं समझ रही हैं। हमारे यहाँ मात्र एक महीने के इलाज से आपकी अँग्रेजी दवा पूरी तरह छूट जाएगी। फिर आपको तो सिर्फ एक बार ही मोटी रकम खर्च करनी है।
मानव समाज के इस दिल दहला देने वाले दृश्य को देखकर उसके साथी गिद्ध ने कहा–‘...वरना? वरना क्या? इस दूसरी कोरोना लहर में ही मानव की हैवानियत के थर्मामीटर का तापमान 103 डिग्री पार कर गया है।