कथा धारा

इस पृष्ठ पर आपको उपन्यास, कहानी, लघुकथा आदि के रूप में हिंदी कथा साहित्य की उत्कृष्ट रचनाएँ पढ़ने को मिलेंगी।

फिल्टर

शरीर और मन पर अंकित अनाम यातनाओं के घाव कहाँ सूख पा रहे थे? उस पर बस, समय की परत चढ़ गई थी। मैं नार्मल नहीं थी, लेकिन ऊपरी तौर पर दूसरों को जरूर लगती थी। बड़े भाई से ज्यादा अपराधिनी तो, जन्मदात्री माँ ही प्रतीत होती थी, जिसकी उपस्थिति में मेरा कौमार्य लूटा गया। इस अपराध के लिए मेरा पक्ष लेकर भाई का मुँह नोंच सकती थी! काश...मेरे अंदर सुलगते, कुलबुलाते, अनबुझे सवालों के बीच दुर्भाग्य ने एक और पटखनी दे दी। रिश्वतखोरी के मामले में पिता जी दफ्तर में रंगे हाथ पकड़े गए तथा तत्काल नौकरी से सस्पेंड कर दिए गए। अपने अपराध का प्रायश्चित करने के बजाय अक्सर शराब पीकर घर आते। नशे की उत्तेजना में माँ पर, वहशियों की तरह हाथ-पैर चलाते। आखिर पुरुष हैं ना! हर हालत में स्त्री को ही प्रताड़ित किया जाता है तथा अनाम यातनाओं के कुंड में, झोंक दिया जाता है।