सुनी खाटें गिरिजाशंकर मोदी 1 April, 2016 बरामदा मेंवह जो खाट है बाबू जी सोया करते थे, और उसके बाजू की कोठरी में जो खाट है माँ सोया करती थी। और पढ़ें शेयर करे close https://nayidhara.in/kavya-dhara/suni-khaten-by-girijashankar-modi/ कॉपी करें
माँ गिरिजाशंकर मोदी 1 April, 2016 माँ, आसमान के सितारेसमेट ले आती है स्नेह के धागों के आँचल में, और साथ-साथ लाती है दुधिया आकाश लोकचंदा के आँगन से और पढ़ें शेयर करे close https://nayidhara.in/kavya-dhara/maan-hindi-poem-by-girijashankar-modi/ कॉपी करें
औरतें रानी श्रीवास्तव 1 April, 2016 नमक पर उतारे गए गुस्से से त्रस्त औरतें घर को तरसती घर की इज्जत औरतें अपनी औकात पहचानती घरेलू हिंसा की शिकार औरतें। और पढ़ें शेयर करे close https://nayidhara.in/kavya-dhara/auraten-by-hindi-poet-rani-shrivastav/ कॉपी करें
ऐसी कोई बात नहीं रानी श्रीवास्तव 1 April, 2016 ऐसी कोई बात नहीं कि मैं दुःखी हूँ पर इतनी सुखी भी नहीं कि अपने देश के अपमान का‘जय हो’ करूँ। मैं कॉन्फिडेंट हूँ और पढ़ें शेयर करे close https://nayidhara.in/kavya-dhara/aisi-koi-bat-nhi-by-rani-shrivastav/ कॉपी करें
सच रानी श्रीवास्तव 1 April, 2016 मैंने देखा सच रो रहा था दुहाई दे रहा थाअपने रहनुमाओं को! आवाज दे-देकर थक गया था–हारकर चुप्पी की चादर तान सो गया था और पढ़ें शेयर करे close https://nayidhara.in/kavya-dhara/sach-by-hindi-poet-rani-shrivastav/ कॉपी करें
किराए की कोख श्वेता शेखर 1 April, 2016 आज कल मकान, दुकान और सामान की तरह किराए की कोख भी मिलने लगी है अच्छा है अब तो किस्तों पर माँ की ममता भी बाजार में बिकने लगी है। और पढ़ें शेयर करे close https://nayidhara.in/kavya-dhara/kirae-ki-kokh-by-shweta-shweta-shekhar/ कॉपी करें