भारतीय भाषाओं में पारस्परिकता

भारतीय भाषाओं के बीच पारस्परिकता बढ़ाने में, भाषाई सद्भाव द्वारा सभी भारतीय भाषाओं के विकास में और हिंदी को क्षेत्रीय भाषाओं से जोड़ने वाली माध्यम की भाषा के रूप में विकास के दौर में आगे बढ़ने में ऐसे कार्यक्रम प्रेरक हैं, उत्तेजक हैं। ‘नई धारा’ में छपना ही हम दक्षिण भारतीय लेखकों के लिए गौरव की बात है, फिर वहाँ से पुरस्कृत होना तो महागौरव है!