अपाहिज

अपाहिज

पश्चिमी रंग में रंगते जा रहे एक पुत्र ने किसी तरह साहस जुटा कर अपने भारतीय रंग में रंगे संस्कारी पिता से कहा, ‘पापा! मैं शादी करना चाहता हूँ।’

‘क्यों?’

‘मुझे प्यार हो गया है।’

‘बेटे! पहले अपने पैरों पर तो खड़े हो जाओ, फिर जो जी में आए करना।’

‘पापा! अगर मैं अपने पैरों पर खड़ा नहीं भी हो सका हूँ तो क्या! वह तो अपने पैरों पर खड़ी है।’


Image : Boating Couple (Aline Charigot and Renoir)
Image Source : WikiArt
Artist : Pierre-Auguste Renoir
Image in Public Domain