दूध

दूध

मानवी जॉब करती है। पति दूसरे जगह काम करते हैं। वह अपने दो वर्षीय पुत्री के साथ अकेले ही रहती है। काम का इतना बोझ रहता है कि कभी-कभी रात का खाना भी नहीं बना पाती। दूध ज्यादा ले लेती थी ताकि एक गिलास दूध पी या दूध के साथ कॉर्नफ्लेक्स या चूड़ा खा सो जाए।

बलवंत कमाती थी इसलिए अपने तरीके से जीना चाहती थी। छोटी पुत्री की देखभाल हो के कारण मानवी की माँ अक्सर साथ रहती थी। उसकी माँ रात्रि में सोने समय और सुबह में दूध पी लेने को कहती। इच्छा नहीं रहने पर भी जबरदस्ती पिला देती।

‘देखो। इतना काम करती हो दूध तुम्हें शक्ति देगी।’ माँ कहती।

दो वक्त दूध लेने की आदत मानवी को लग गई।

उसके पति महीना में दो-चार दिनों के लिए आते थे। एक दिन सुबह में दूध पीते हुए मानवी को देख लिए ‘सुबह में दूध देती हो।’

‘हाँ! माँ ने कहा है।’

‘क्या जरूरत है? रात में लेती ही हो फिर सुबह में क्यों?’ पति ने कहा।

मानवी के आँखों में आँसू आ गए।


Image : Gypsy Woman with a Baby
Image Source : WikiArt
Artist :Amedeo Modigliani
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