तंज

तंज

यार…क्या छरहरा कटीला बदन है! उस पर हिरनी-सी चाल। उफ्फ! यह तो मार ही डालेगी…हाय…हाय…

नुक्कड़ पर जमा लड़कों का ग्रुप निशा को देखकर फब्तियाँ कस रहा था। निशा उन्हें नजरअंदाज़ करते हुए थोड़ा आगे बढ़ जाती है और बस का इंतजार करने लगती है। तभी दूसरी तरफ से निशा की दोस्त रति अपनी कार से उतरती है और सड़क किनारे एक दुकान से कुछ खरीदने लगती है। निशा को देखते ही वह उधर बढ़ गई। एक बीमारी के कारण रति का शरीर बेहद मोटा हो गया था।

रति को देखते ही लड़के हँसने लगे, ‘वह देखो…हथिनी की नानी आ रही है।’

‘देख…देख…कहीं धरती नहीं हिल जाए…।’ दूसरे ने तंज कसा।

रति के लिए इस तरह की बातें बोलकर वे जोर-जोर से हँसने लगे।

निशा उन लफ़ंगों से उलझना नहीं चाहती थी इसलिए वह रति की तरफ बढ़ गई लेकिन मन में क्रोध हो रहा था। वह सोचती है स्त्री का शरीर चाहे जैसा भी हो पुरुष के लिए मनोरंजन की वस्तु है। वह किसी-न-किसी रूप में स्त्री देह पर तंज करता ही है।


Image : Womans Head
Image Source : WikiArt
Artist : Amedeo-Modigliani
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